UPSH News Desk: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं को फिर से नौकरी का इंतजार हैं हालांकि लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न करने वाली बीजेपी को 80 सीटों में से केवल 33 सीटें ही प्राप्त हो सकीं इसके कारणों की अलग-अलग पड़ताल की जा रही है।
जिसमें एक बहुत महत्वपूर्ण कारण बताया जा रहा है जिसमें सरकारी नौकरी को प्रमुख कारणों में गिना जा रहा है बता दें केंद्र सरकार ने लोकसभा में नौकरियां को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए जुलाई में बताया था कि मार्च 2022 तक केंद्र सरकार में लगभग 10 लाख पद खाली थे जिसमें सबसे अधिक पद रेलवे विभाग में खाली बताएं गए थे हालांकि उस समय सरकार द्वारा इन्हें भरने की बात कहीं जा रही थी।
चुनाव में छाया रहा सरकारी नौकरी और बेरोजगारी का मुद्दा
समाजवादी पार्टी अपनी कई चुनावी जनसभा में नौकरी के मुद्दे को लेकर प्रदेश के युवाओं को लुभाने का काम किया और उन्होंने नौकरी के लिए युवाओं को यह तक कह दिया कि सरकार इमाम को नौकरी ही नहीं देना चाहती उन्होंने सरकार पर नौकरी न देने की बात लगातार की उनका कहना था की भर्ती विज्ञापन निकालकर सरकार द्वारा दिखावा किया जाता है और फॉर्म भरने के बाद पेपर देने का कोई भी अता-पता नहीं चलता अगर पेपर होता भी है तो लीक होने के कारण भर्ती सालों के लिए पेंडिंग में पड़ जाती है सपा सरकार के मुखिया अखिलेश द्वारा भाजपा सरकार में ना नौकरी है ना रोजगार है लाखों की संख्या में पढ़ा लिखा युवा बेरोजगार है इसी तरह के बयान जारी किए गए साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरकारी नौकरी के मामले पर चुनाव पर काफी हमले किए राहुल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा था की bjp का मतलब बेरोजगारी पक्की राहुल ने अपनी चुनावी सभा के दौरान युवाओं को 30 लाख सरकारी नौकरियों देने का बड़ा बयान भी दिया था इसके अतिरिक्त उन्होंने कॉलेज खत्म करने के बाद एक लाख रुपए की अप्रेंटिसशिप देने की भी घोषणा की थी देखा जाए तो सरकार की विपक्षी पार्टियों का मुख्य मुद्दा नौकरी और युवाओं को रोजगार देना था।
केंद्र सरकार ने कितनी नौकरियां दी
26 जुलाई 2023 को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा सरकारी नौकरियों के प्रश्न पर लोकसभा चुनाव में बताया गया कि केंद्र सरकार की 1 मार्च 2022 तक सभी विभागों में 10 लाख से अधिक पद खाली हैं और उन्हें भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से भरा जा रहा है साथ ही सरकार की ओर से यह भी बताया गया था कि 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 तक कुल 4,63,000 पदों पर भर्ती की गई यह भर्ती यूपीएससी एसएससी और आरआरबी के माध्यम से की गई।
कहां कितनी भर्तियां की गई
सरकार की ओर से राज्यसभा में दिए गए जवाब में बताया गया था कि भारतीय प्रशासनिक सैनिक सेवा में इस के 1365 पद खाली हैं वहीं भारतीय पुलिस सेवा के 703 पद खाली बताए गए थे इसके साथ ही भारतीय वन सेवा में 1042 पद और भारतीय राजस्व सेवा में 301 पद खाली बताए गए थे इसी तरह सरकार की ओर से राज्यसभा में सूचना दी गई कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सीआरपीएफ बीएसएफ और दिल्ली पुलिस में सवा लाख पद खाली हैं 1 जुलाई 2023 तक रेलवे में ढाई लाख पद खाली होने की सूचना दी गई थी सरकार ने यह भी बताया था कि इसके लिए 2 लाख करोड़ ने कंप्यूटर आधारित एक CBT दिया है जिसमें लगभग 1,40000 से अधिक उम्मीदवार फाइनल भी कर लिए गए हैं। वही अग्नि वीर स्कीम के प्रति भी युवाओं में बेहद नाराजगी देखी गई।
यूपी में सरकारी नौकरियां
उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों की बात की जाए तो सरकार द्वारा पिछले 5 साल में कोई भी भर्ती पूरी नहीं की गई है बेसिक शिक्षा विभाग में ही अध्यापकों के डेढ़ लाख से अधिक पद रिक्त हैं जिसके लिए पिछले 5 सालों में एक भी भर्ती नहीं निकाली गई और लोक सभा चुनाव में युवा इसको मुद्दा बनाये रहे इसके लिए लाखों इसके लिये डिग्री डिप्लोमा लिए नौकरी का इंतजार करते रहे शिक्षा विभाग के साथ-साथ कई अन्य विभागों में भी सरकारी नौकरियां के लिए नई नोटिफिकेशन जारी नहीं किए गए नई शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की कार्यवाही सालों साल चलती रही लेकिन आज तक पूरी ना हो सकी आज भी बेरोजगार युवा नौकरी की प्रतीक्षा में बूढ़े होते जा रहे हैं और कुछ तो ओवर ऐज भी हो चुके हैं। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त पुलिस विभाग में भी 60000 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन पेपर लीक के चलते इन युवाओं को भी नौकरी नहीं मिल सकी और परीक्षा को लेकर आज भी इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश में कई संविदा भर्ती भी सालों से पेंडिंग चली आ रही हैं जिसमें 30000 पदों पर अनुदेशक भर्ती जो कि पिछले कई सालों से पेंडिंग चली आ रही है और इसके अभ्यर्थी भी लगातार इंतजार कर रहे हैं लेकिन यह भर्ती प्रक्रिया भी अभी तक पूरी नहीं हो सकी है उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग में भी आंगनवाड़ी सुपरवाइजर के 7000 से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 53000 से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं उनकी भी भर्ती भी पूरी नहीं हो सकी, उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग में भी 30000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया काफी लंबे समय से पेंडिंग चल रही है जिसको लेकर लाखों युवा इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में टीजीटी पीजीटी सहित विभिन्न पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी पिछले कई सालों से पेंडिंग चल रही है इन सभी भर्तीयो लेकर लाखों युवा भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत डेढ़ लाख शिक्षामित्र भी पिछले काफी लंबे समय से स्थाई नौकरी की लगातार मांग कर रहे हैं।
देखा जाए तो इस कार्यकाल के दौरान युवाओं में नौकरी को लेकर काफी मायूसी देखी गई और प्रदेश के सबसे बड़े वर्ग युवा वर्ग ने चुनाव में रोजगार और नौकरी को प्रमुख मुद्दा बनाया औऱ लोकसभा चुनाव में नौकरियों का मुद्दा ट्रेंड रहा।