CBSE Exam New Rules: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से नया रूल लागू होने जा रहा है बता दें यह रूल सीबीएसई के 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से नवमी व 12वीं की कक्षा तक के छात्र किताबें और नोट्स खोलकर परीक्षा दे सकेंगे नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क की सिफारिश के तहत ओपन बुक एग्जाम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसी साल नवंबर दिसंबर से शुरू किया जाएगा हालांकि ओपन एग्जाम को 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं में लागू नहीं किया जाएगा।
NFC द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों में परीक्षा के प्रति अनावश्यक तनाव और चिंताओं में कमी आएगी ओपन बुक एग्जाम को लेकर सीबीएसई के निदेशक डॉक्टर जोसेफ ने कहा है कि अभी ओपन बुक एग्जाम रूल को लेकर स्टडी लगातार चल रही है जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ स्कूलों में पहले लागू होगा
सूत्रों के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ स्कूलों में ओपन बुक एग्जाम शुरू किया जाएगा सभी पक्षों द्वारा आकलन करने के बाद इसे देशभर में लागू कर दिया जाएगा।
किस विषय में लागू होगा ओपन बुक एग्जाम
नवीन से दसवीं कक्षा में ओपन बुक एग्जाम की बात की जाए तो बता दें गणित अंग्रेजी और विज्ञान विषय में ओपन बुक एग्जाम शुरू किया जाएगा वहीं 11वीं और 12वीं कक्षा में ओपन बुक एग्जाम अंग्रेजी गणित और जीव विज्ञान के विषय में लागू किया जाएगा।
दुनिया के कई देशों में लागू है ओपन बुक एग्जाम
दुनिया के कई प्रमुख देशों में ओपन बुक एग्जाम लागू किया गया है जैसे यूरोप की बात की जाए तो यूरोप के अंतर्गत नॉर्वे फिनलैंड स्वीडन और डेनमार्क के स्कूलों में ओपन बुक एग्जाम का रूल पहले से लागू है।
अमेरिका में लॉ कॉलेज और एडवांस्ड प्लेसमेंट एग्जाम के लिए ओपन बुक एग्जाम का रूल लागू है।
जर्मनी में इंजीनियर के कोर्स के लिए ओपन बुक एग्जाम कराया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया में मेडिकल की परीक्षाओं के लिए ओपन बुक एग्जाम कराए जाने का प्रावधान है।
ब्रिटेन में इकोनॉमिक्स के ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में भी ओपन बुक कराए जाने को लेकर रूल बना हुआ है।
भारत में कब लागू होगा ओपन बुक एग्जाम
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से नबी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को किताबें और नोट्स खोलकर परीक्षा देने वाला रूल ओपन बुक एग्जाम नवंबर माह में शुरू किया जा सकता है शुरू में यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा और इसके बाद पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।