Uttrakhand Bed Vs Btc Teacher Recruitment : खबर उत्तराखंड राज्य से है प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की 3604 पदों के लिए होने वाली भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों के लिए बुरी खबर है 3604 पदों के लिए इस साल नई भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को नहीं रखा जाएगा इसके लिए बेसिक शिक्षा भर्ती सेवा में नियमावली 2019 में संशोधन करके बीएड को हटाया जाएगा सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।
जानकारी दे दें उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में सरकारी अध्यापक के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया 2019 में पूरी नहीं हो पाई थी जिसके लिए 361 पदों पर भर्ती की गई थी लेकिन 345 पदों पर ही भर्ती हो पाई थी इसके बाद 2287 नए पदों पर भर्ती होनी थी और इस भर्ती में भी 1504 पदों पर ही हो सकी थी।
2018-19 में बेसिक शिक्षकों के 3099 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया जिसके सापेक्ष 1849 पदों पर ही भर्ती की की जा सकी आवेदन मांगे जाने के बावजूद भी 1250 पद भर्ती में खाली बचे हुए हैं इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी।
शिक्षक भर्ती में बीएड अभ्यर्थी पा चुके नियुक्ति
इसके अतिरिक्त उत्तराखंड बेसिक शिक्षा विभाग में बेसिक शिक्षकों के 2354 पद खाली चल रहे हैं शिक्षक भर्ती के 1250 पदों पर बीएड अभ्यर्थियों को रखा जाए या नहीं इसके लिए विभाग की ओर से न्याय विभाग ने सुझाव दिया है और कहा है कि पूर्व में कुछ बीएड अभ्यर्थी इस सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति का चुके हैं। न्याय विभाग ने साथ ही कहा है की भर्ती में शेष बचे 1250 पदों पर बीएड अभ्यर्थियों को ना रखा गया तो लगभग 70 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त हो सकती हैं।
मेरिट के आधार पर होगी भर्ती
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के अनुसार प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से 2 साल का कोर्स पूरा करने वाले अभ्यर्थी पूर्व की तरह मेरिट के आधार पर इस भर्ती में सेलेक्ट किए जाएंगे भर्ती का पैटर्न नहीं बदलेगा पुराने पैटर्न पर ही भर्ती की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद बीएड अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद बीएड अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर हो गए हैं इसी आधार पर न्याय विभाग द्वारा b.ed अभ्यर्थियों को इस शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं किए जाने की राय दी गई है साथ ही जो अध्यापक पहले से बीएड के आधार पर नियुक्त हुए हैं उनके बारे में न्याय विभाग जल्दी अपनी राय देगा कि इन शिक्षकों को नौकरी में रखा जाएगा या उनकी सेवाएं समाप्त की जाएगी।