रामपुर में चाकू बनाने की परंपरा लगभग 125 साल पहले शुरू हुई थी जब रामपुर के नवाब मुहम्मद मुश्ताक अली खान साहब थे।
रामपुरी चाकू बटन से खुलते और बंद होते हैं और इन पर सुंदर नक्काशी की जाती है इस कारण से पुराने दौर की अधिकतर हिंदी फिल्मों में विलेन के हाथ में अक्सर रामपुरी चाकू दिखाई देता था।
रामपुरी चाकू को नई पहचान देने के लिए चाकू चौराहा बनाया गया है 52.52 लाख रूपये से बनकर तैयार हुआ है रामपुर का चाकू चौराहा
रामपुरी चाकू के तीन भाग बनाए जाते हैं जिनमें हत्था, कमर और ब्लेड. इस चाकू में स्प्रिंग के साथ बोल्ट और लॉक भी होता है. सामान्य तौर पर ये स्विच-ब्लेड प्रकार का होता है, जिसके ब्लेड की लम्बाई 9 से 12 इंच तक होती है.