Anganwadi News: पटना हाई कोर्ट द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पक्ष में फैसला दिया गया है अब ऐसे आवेदक जो सरकारी नौकरी करने बालों के रिश्तेदार हैं तो अब यह सब आंगनबाड़ी भर्ती में आवेदन कर सकेंगे बता दें बिहार बाल विकास विभाग द्वारा सरकारी नौकरी करने वालों के रिश्तेदारों को आंगनबाड़ी के पदों पर आवेदन करने पर रोक लगा दी थी।
पटना हाई कोर्ट द्वारा सरकारी कर्मियों के रिश्तेदारों को आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका ना बनाए जाने को लेकर पारित किए गए कानून को निरस्त करने के सिंगल बेंच के फैसले में कोई भी फेर बदल करने से इनकार कर दिया है इससे सरकार को बड़ा झटका लगा है।
बता दें हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हरीश कुमार और न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन की पीठ द्वारा यह फैसला दिया गया है जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार द्वारा एक नियमावली आंगनबाड़ी भर्ती को लेकर जारी की गई थी इस आंगनवाड़ी नियमावली के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों के रिश्तेदार आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के पदों पर आवेदन नहीं कर सकते थे।
बिहार सरकार इस नियम को लेकर पटना हाई कोर्ट में गई थी और चुनौती देने के लिए रिट दायर की गई थी हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के चयन के लिए जारी इस नियमावली को निरस्त कर दिया था कोर्ट के इस फैसले पर सरकार डबल बेंच में गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की डबल बेंच ने इस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और सिंगल बेंच के निर्णय को सुरक्षित रखा है।
क्या थी बिहार सरकार की आंगनवाड़ी नियमावली
बिहार सरकार के बाल विकास विभाग द्वारा प्रखंड, पंचायत,अंचल, अनुमंडल, जिला, केंद्र सरकार,राज्य सरकार आदि सरकारी जैसे कर्मचारियों के रिश्तेदारों जैसे की पत्नी बहू पुत्र पुत्री आदि का सिलेक्शन आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नहीं किया जाएगा
कौन-कौन से रिश्तेदार थे नियमावली में शामिल
सरकार द्वारा जारी की गई नियमावली के अनुसार सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी या पदाधिकारी के मां, पुत्र,पुत्री बड़े भाई छोटे भाई की पत्नी, पुत्री, बहन, सौतेले पुत्र पुत्री, केंद्र सरकार द्वारा सरकार तथा अर्ध सरकारी महिला कर्मचारी, पदाधिकारी के मामले में उनके पति के सहोदर भाई की पत्नी बहू पुत्री और ननद आदि को सरकार ने सरकारी कर्मी के इन रिश्तेदारों को आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियमावली जारी कर चयन हेतु अयोग्य घोषित कर दिया था इस पर पटना कोर्ट द्वारा नियमावली को निरस्त कर दिया था अब पटना हाई कोर्ट की डबल बेंच ने भी सिंगल बेंच के आदेश को सही मानते हुए नया आदेश पारित करने से इनकार किया है।