Shikshak Bharti: उत्तराखंड शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन कर दिया गया है शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधित करते हुए अध्यापकों की भर्ती के लिए शिक्षक भर्ती में B.Ed की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है और शिक्षक भर्ती के लिए डीएलएड को मंजूरी दे दी गई है।
बीएड को हटाकर डीएलएड को नियमावली में पात्रता
राज्य सरकार द्वारा दिए गए इस फैसले से लगभग 4000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है जल्द ही बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा यह भर्ती शुरू की जाएगी इसके लिए सरकार द्वारा विभाग को आदेश दे दिया गया है सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के वर्ष 2018 में जारी उसे अधिसूचना को निरस्त कर दिया था जिसमें प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड डिग्री की अनिवार्यता की गई थी और इस अधिसूचना के माध्यम से B.Ed अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद सभी बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया था सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण उत्तराखंड शिक्षा विभाग द्वारा नई भर्ती के लिए नियमावली में बदलाव किया गया है और किए गए नए बदलाव में बीएड को नियमावली से हटा दिया गया है और डीएलएड को प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए पात्र माना गया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के अनुपालन में राज्य कैबिनेट द्वारा पहले ही राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 को संशोधन करने की मंजूरी दे दी गई थी इसी क्रम में अब शासन ने उत्तराखंड राज्य की प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2024 जारी कर दी है संशोधन करते हुए सरकार द्वारा बेसिक शिक्षकों के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता B.Ed डिग्री को अमान्य कर दिया गया है अब केवल डीएलएड डिग्री धारक की पहली से पांचवी तक कक्षा को पढ़ने के लिए पात्र होंगे।
3500 से अधिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ
प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो चुका है शासन द्वारा विभागीय अधिकारियों को आदेश दे दिया गया है इसके लिए निर्वाचन आयोग से भर्ती की अनुमति लेते ही शीघ्र संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को रिक्त पदों के लिए अधियाचन भेजने के निर्देश दे दिए गए हैं निर्वाचन आयोग से अनुमति मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।