BED vs DELED: B.ed और डीएलएड को लेकर छत्तीसगढ़ में भी बीएड डिग्री धारी प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिए गए हैं साथ ही ऐसे शिक्षक जो बीएड डिग्री के माध्यम से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए थे उन सभी बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नौकरी भी छिनेगी यह आदेश छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा दिया गया है।
बता दें बिहार राज्य के बाद एक और राज्य में बीएड डिग्री धारी प्राथमिक शिक्षक पर भर्ती से बाहर हो गए हैं कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के विद्यालयों में पढ़ाने के लिए बीएड डिग्री धारी अमान्य घोषित किए गए हैं छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा प्राइमरी स्कूल में टीचर के पदों पर चयनित डिग्रिडरियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया है कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार राज्य सरकार नियुक्त किए गए सभी B.Ed डिग्री धारी शिक्षकों को जब से हटाकर 6 महीने के अंदर नई भर्ती करेगी। रिक्त हुई सीटों पर बीएड के स्थान पर डीएलएड वालों को ही मेरिट में सिलेक्ट किया जाएगा और प्राइमरी स्कूल में भर्ती की जाएगी।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा दिए गए डिवीजन बेंच के फैसले से डीएलएड अभ्यर्थियों द्वारा दायर की गई याचिका कि सुनवाई करते हुए प्राइमरी स्कूल शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों के लिए फैसला सुनाया है याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा कहा गया है कि डीएलएड कोर्स करने वाले को प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की खास ट्रेनिंग प्रदान की जाती है इसके साथ ही याचिका कर्ताओं की ओर से यह भी तर्क दिया गया था की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य सरकार ने उल्लंघन किया है।
6000 से अधिक पदों पर निकली थी वैकेंसी
छत्तीसगढ़ में 2023 के दौरान सहायक अध्यापक के 6500 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया था इस भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन 30 जून को किया गया था जिसमें बीएड और डीएलएड दोनों ही योग्यता वाले शामिल किए गए थे।
हाई कोर्ट ने की थी सुनवाई
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद B.Ed अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पर रोक लगा दी थी इस रोक के बाद बीएड अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका फाइल की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी बीएड अभ्यर्थियों को अंतरिम रूप से नियुक्ति देने का आदेश जारी किया था इस आदेश के बाद हाई कोर्ट में 29 फरवरी 2024 को फाइनल हियरिंग हुई थी जिसके बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला हाई कोर्ट द्वारा ओपन कोर्ट में सुनाया गया और B.Ed धारी शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर करने का आदेश दिया गया है।