Modi Government 3.0 On pension scheme: नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन चुके हैं नरेंद्र मोदी सरकार के नए कार्यकाल में केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया जा सकता है सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एनपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पेंशन लाभ में बढ़ोतरी करने जा रही है इसके अंतर्गत कर्मचारियों को पेंशन के रूप में अंतिम मूल वेतन के 50% तक की गारंटी मिल सकेगी आसान भाषा में समझे तो रिटायर होने से पहले कर्मचारियों को जो भी अंतिम बेसिक सैलरी प्राप्त होगी उसका 50 फीसदी मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त होगा।
2023 में पैनल का हुआ था गठन
बता दें दूसरे कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार द्वारा मार्च 2023 में वित्त सचिव टीवी सोमनाथं की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया गया था इस पैनल का गठन पुरानी पेंशन स्कीम पर वापस लौटे बिना सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत पेंशन लाभ बढ़ाने के तरीके सुसान के लिए किया गया था सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया जब कई राज्यों में एनपीएस को छोड़कर पुरानी पेंशन स्कीम वापस शुरू कर दी है।
पैनल ने सौंपी अपनी रिपोर्ट
पैनल ने मई महीने में सरकार को पुरानी पेंशन पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है इस रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर 2023 में लागू आंध्र प्रदेश मॉडल का जिक्र किया गया है इसे पुरानी और नई पेंशन स्कीम का मेला जिला मॉडल कह सकते हैं आंध्र प्रदेश गारंटीड पेंशन सिस्टम अधिनियम 2023 के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम सैलरी का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा इसके लिए महंगाई भत्ता रहता यानी डीआर भी शामिल किया जाएगा इसके अतिरिक्त मृत कर्मचारियों के पति या पत्नी को गारंटी राशि का 60% मासिक पेंशन भुगतान की गारंटी भी इसमें दी जाती है।
क्या कहता है एनपीएस का यह नया प्रस्ताव
नए प्रस्ताव के अंतर्गत केंद्रीय कर्मचारियों को अपने अंतिम मूल वेतन के 50% तक की पेंशन की गारंटी दी जाएगी गारंटी शुदा पेंशन राशि का पूरा करने के लिए आवश्यक पेंशन कोष में किसी भी कमी को केंद्र सरकार के बजट से कर किया जाएगा साथ ही इससे लगभग 8.7 मिलियन केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को फायदा हो सकता है यह वह सभी कर्मचारी हैं जो 2004 से नई पेंशन स्कीम अर्थात एनपीएस में पंजीकृत हैं।
कर्मचारियों की मांग केवल पुरानी पेंशन
हालांकि सरकार द्वारा जारी की गई नई पेंशन स्कीम और पैनल द्वारा सुझाई गई नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत 50% पेंशन दिए जाने को लेकर भी कर्मचारी सहमत नहीं है कर्मचारी केवल पुरानी पेंशन लागू करने की मांग कर रहे हैं जिससे रिटायरमेंट के बाद उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
पुरानी पेंशन योजना बहाली को लेकर 2004 के बाद लगभग 60 लाख कर्मचारी अधिकारी पुरानी पेंशन को लेकर आवाज उठा रहे हैं पिछली 5 सालों में सत्ता में आई छह राज्यों की गैर भाजपा सरकार द्वारा पुरानी पेंशन लागू करने का ऐलान किया गया पुरानी पेंशन का ऐलान करने वाले 6 राज्य हिमाचल प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ पंजाब झारखंड और कर्नाटक है वर्तमान स्थिति में जहां पुरानी पेंशन लागू थी उसमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारी बदल चुकी हैं यहां पहले कांग्रेस की सरकार थी अब बीजेपी की सरकार आ चुकी है कागजों में इन सभी राज्यों में पुरानी पेंशन लागू है। लेकिन वास्तविकता में पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है हिमाचल राज्य को छोड़कर बाकी राज्यों में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं मिल रही है राजस्थान में कुछ कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी गई है कुछ को नहीं दी गई है वहीं झारखंड राज्य में नई पेंशन स्कीम का अंशदान लौटने की शर्त पर ही पुरानी पेंशन देने की बात की जा रही है।